Sep 3, 2025

Renal Function Test (RFT) क्या है

 

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Renal Function Test (RFT) क्या है? क्यों और कैसे करते हैं? नार्मल रेंज, फायदे और चार्जेस

आजकल की भागदौड़ भरी और तनावपूर्ण ज़िंदगी में किडनी स्वास्थ्य (Kidney Health) एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। किडनी हमारे शरीर के नेचुरल फिल्टर हैं, जो खून से अपशिष्ट पदार्थ (waste products), अतिरिक्त पानी और टॉक्सिन को बाहर निकालती हैं। इसके साथ-साथ किडनी का कार्य केवल फिल्टरिंग तक सीमित नहीं है। यह शरीर में ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने, लाल रक्त कोशिकाएं बनाने के लिए हार्मोन (Erythropoietin) रिलीज़ करने, हड्डियों को मजबूत रखने के लिए विटामिन D सक्रिय करने और शरीर का संपूर्ण मिनरल संतुलन बनाए रखने में भी मदद करती हैं।

 

यदि किडनी सही तरीके से काम न करे, तो शरीर में क्रिएटिनिन, यूरिया और टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं। यह धीरे-धीरे शरीर में सूजन, कमजोरी, हार्ट प्रॉब्लम और अंततः किडनी फेलियर जैसी गंभीर स्थितियों तक पहुंच सकता है। ऐसे मामलों में रोगी को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता हो सकती है। इसीलिए, नियमित अंतराल पर Renal Function Test (RFT) करवाना बेहद ज़रूरी है।


 इस आर्टिकल में आप जानेंगे:

 Renal Function Test (RFT) क्या है?

* यह क्यों करवाना आवश्यक है?

* टेस्ट कैसे किया जाता है?

* नार्मल रेंज और उनके मतलब।

* रिपोर्ट कैसे समझें?

* टेस्ट के चार्जेस।

* केस स्टडी और उदाहरण।

* किडनी को स्वस्थ रखने के घरेलू उपाय।


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Renal Function Test (RFT) क्या है?

Renal Function Test (RFT) ब्लड और कभी-कभी यूरिन टेस्ट की एक सीरीज़ होती है, जिससे यह पता चलता है कि किडनी कितनी अच्छी तरह काम कर रही है। यह टेस्ट डॉक्टरों को किडनी की कार्यक्षमता और स्वास्थ्य की पूरी झलक देता है।


RFT में सामान्यतः ये पैरामीटर जांचे जाते हैं:

* Serum Creatinine – किडनी की फिल्टरिंग क्षमता दर्शाता है।

* Blood Urea Nitrogen (BUN) – प्रोटीन मेटाबोलिज़्म और किडनी फंक्शन को दर्शाता है।

* Uric Acid – ज़्यादा होने पर गाउट, स्टोन और किडनी डैमेज का संकेत।

* Electrolytes (Sodium, Potassium, Chloride, Bicarbonate) – शरीर का मिनरल और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन।

* Total Protein- खून (सीरम) में मौजूद सभी प्रोटीन की कुल मात्रा को मापता है। अगर किडनी खराब हो जाए तो प्रोटीन यूरिन में निकल सकता है, जिससे खून में प्रोटीन का स्तर कम हो जाता है।

* Albumin- किडनी की बीमारी में एल्ब्यूमिन अक्सर यूरिन में चला जाता है (Proteinuria), जिससे ब्लड में इसका लेवल कम हो जाता है। लो एल्ब्यूमिन से शरीर में सूजन (edema) और कमजोरी हो सकती है।

* Globulin- ग्लोब्युलिन प्रोटीन का दूसरा प्रमुख हिस्सा है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है।यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) और एंटीबॉडी बनाने में सहायक होता है। ग्लोब्युलिन का स्तर अप्रत्यक्ष रूप से (Total Protein – Albumin = Globulin) निकाला जाता है। किडनी रोग या लीवर रोग की स्थिति में ग्लोब्युलिन का संतुलन बिगड़ सकता है।

* Glomerular Filtration Rate (eGFR) – किडनी की फिल्टरिंग क्षमता की सटीक माप।

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RFT क्यों करवाना चाहिए?

किडनी की बीमारियाँ अक्सर शुरुआती चरण में बिना लक्षण के रहती हैं। जब तक समस्या गंभीर न हो जाए, तब तक मरीज को इसका पता नहीं चलता। इसी कारण समय पर RFT करवाना बहुत महत्वपूर्ण है।


RFT करवाने की ज़रूरत इन परिस्थितियों में होती है:

* लगातार ब्लड प्रेशर हाई रहना।

* डायबिटीज के रोगियों में नियमित मॉनिटरिंग।

* शरीर में सूजन (पैर, आंखों, चेहरे पर) होना।

* पेशाब में बदलाव (कम या ज्यादा आना, फोम, खून या जलन)।

* बार-बार यूरिन इन्फेक्शन होना।

* लंबे समय तक पेनकिलर या एंटीबायोटिक दवाएं लेना।

* किडनी स्टोन, पॉलीसिस्टिक किडनी या अन्य किडनी रोग का इतिहास।

* परिवार में किडनी रोग का जेनेटिक इतिहास।


RFT टेस्ट कैसे किया जाता है?

* यह मुख्य रूप से ब्लड टेस्ट है, कुछ मामलों में यूरिन टेस्ट भी किया जाता है।

* ब्लड सैंपल रोगी की बांह से लिया जाता है।

* यूरिन टेस्ट के लिए साफ और स्टेराइल कंटेनर में सैंपल दिया जाता है।

* टेस्ट के लिए फास्टिंग आवश्यक नहीं होती, लेकिन डॉक्टर की सलाह पर खाली पेट करवाया जा सकता है।

* रिपोर्ट आमतौर पर 24 घंटे में उपलब्ध हो जाती है।

* आधुनिक डायग्नोस्टिक लैब्स ऑनलाइन रिपोर्ट सुविधा भी देती हैं।




Renal Function Test की नार्मल रेंज


| पैरामीटर                      | सामान्य रेंज       | असामान्य संकेत                  |

| ----------------------------- | ------------------ | ----------------------

| Serum Creatinine        | 0.72 – 1.25 mg/dL    | ज़्यादा = किडनी खराबी           |

| Blood Urea Nitrogen (BUN) | 10 – 50 mg/dL       | हाई = डिहाइड्रेशन/किडनी रोग     |

| Uric Acid                  | 2.4 – 6.0 mg/dL    | ज़्यादा = गाउट/स्टोन/किडनी डैमेज     |

| Sodium                    | 136 – 145 mEq/L    | असंतुलन = डिहाइड्रेशन/किडनी रोग |

| Potassium                 | 3.5 – 5.1 mEq/L    | हाई = हार्ट/किडनी समस्या        |

| Chloride                  | 98 – 107 mEq/L     | असंतुलन = एसिड-बेस गड़बड़ी      |

| Total Protein                  | 6.2-8.1 mg/dL    |कम = प्रोटीन यूरिन में निकल सकता है     |

| Albumin                  | 3.2-4.6 mg/dL    | कम =शरीर में सूजन (edema) और कमजोरी       |

| Globulin                  | 1.8-3.6 mg/dL    | किडनी रोग या लीवर रोग की स्थिति में ग्लोब्युलिन का संतुलन बिगड़ सकता है      |

| Bicarbonate (HCO3)        | 22 – 29 mEq/L      | कम = एसिडोसिस                   |

| eGFR                      | ≥ 90 mL/min/1.73m² | 60 से कम = किडनी रोग            |


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RFT टेस्ट की कीमत

भारत में RFT टेस्ट की कीमत अलग-अलग लैब्स, अस्पतालों और शहरों में बदलती रहती है।

औसतन चार्जेस इस प्रकार हैं:

* 300 – 800 (लोकल पैथोलॉजी लैब)

* 800 – 1500 (प्राइवेट मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल)

* 1500+ (एडवांस डायग्नोस्टिक सेंटर)

 सरकारी अस्पतालों, आयुष्मान भारत योजना और जन-औषधि केंद्रों में यह टेस्ट बहुत कम कीमत पर या मुफ्त भी उपलब्ध हो सकता है।

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 RFT रिपोर्ट कैसे समझें?

* Creatinine और BUN दोनों बढ़े हों → किडनी डैमेज।

* eGFR < 60 → क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) का संकेत।

* Potassium हाई → हार्ट अटैक और एरिद्मिया का खतरा।

* Uric Acid हाई → गाउट और किडनी स्टोन की संभावना।

 रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर Ultrasound, Urine Routine, Kidney Biopsy या अन्य टेस्ट की सलाह दे सकते हैं।

 उदाहरण

*केस स्टडी 1:

गाँव के एक व्यक्ति उन्हें डायबिटीज थी, लेकिन RFT नहीं करवाया। पैरों में सूजन और थकान के बाद RFT कराया तो पता चला कि eGFR 55 था। समय पर इलाज से वह Dialysis से बच गए।

*केस स्टडी 2:

एक चाची जी लंबे समय से ब्लड प्रेशर की दवा ले रही थीं। उन्हें यूरिन संबंधी समस्या थी। RFT रिपोर्ट में Creatinine 1.5 mg/dL आया। शुरुआती इलाज और लाइफस्टाइल बदलाव से स्थिति सुधरी।

 इन उदाहरणों से साफ है कि समय पर RFT करवाने से बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है।


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RFT करवाने के फायदे

* किडनी की वास्तविक स्थिति का पता चलता है।

* बीमारी का जल्दी पता चलने पर इलाज आसान हो जाता है।

* डायबिटीज और हाई बीपी मरीजों में जटिलताओं से बचाव।

* डायलिसिस और किडनी फेलियर जैसी गंभीर समस्याओं से सुरक्षा।

* डॉक्टर को सही इलाज और दवाएं चुनने में मदद।

* हेल्थ चेकअप का हिस्सा बनाकर समग्र स्वास्थ्य मॉनिटरिंग।


 किडनी हेल्थ को कैसे बचाएं?

* दिनभर पर्याप्त पानी पिएं (7–8 गिलास)।

* नमक, जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड कम करें।

* डायबिटीज और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखें।

* धूम्रपान और शराब से दूर रहें।

* नियमित योग और व्यायाम करें।

* बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं (पेनकिलर, एंटीबायोटिक्स) न लें।

* समय-समय पर हेल्थ चेकअप करवाएं।


 निष्कर्ष

Renal Function Test (RFT) किडनी की सेहत का सबसे आसान और भरोसेमंद तरीका है। खासतौर पर डायबिटीज और ब्लड प्रेशर मरीजों को यह टेस्ट नियमित रूप से करवाना चाहिए। रिपोर्ट को सही ढंग से समझकर और समय पर कदम उठाकर हम गंभीर किडनी रोग, डायलिसिस और ट्रांसप्लांट जैसी स्थितियों से बच सकते हैं।


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* यूरिन सबंधित प्रॉब्लम ,शरीर में सूजन दिखाई दे तो नजदीकी पैथोलॉजी लैब में RFT करवाएं।

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* Kidney Health Checkup करवाएं और अपने परिवार के स्वास्थ्य की सुरक्षा करें।

* यह आर्टिकल अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें ताकि वे भी समय रहते जागरूक हो सकें।


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