Sep 6, 2025

Malaria Parasites Test Procedure in Hindi

Malaria Parasites 


मलेरिया भारत समेत पूरी दुनिया में फैलने वाली एक गंभीर बीमारी है, जो मच्छर के काटने से फैलती है। यह बीमारी Plasmodium नामक परजीवी के कारण होती है। मलेरिया की समय पर पहचान और सही इलाज से मरीज की जान बचाई जा सकती है। इसीलिए, मलेरिया परजीवी टेस्ट (Malaria Parasites Test) का महत्व बहुत ज्यादा है।


 इस पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे:

* मलेरिया टेस्ट क्या है और क्यों ज़रूरी है।

* मलेरिया के प्रकार।

* टेस्ट के प्रकार और उनका महत्व।

* टेस्ट की प्रक्रिया (स्टेप-बाय-स्टेप)।

* P. vivax और P. falciparum में दिखने वाले स्टेज

* RESULT


 मलेरिया टेस्ट क्यों ज़रूरी है?


मलेरिया के शुरुआती लक्षण सामान्य बुखार जैसे लग सकते हैं, जिससे लोग अक्सर इसे हल्के में ले लेते हैं। लेकिन समय पर टेस्ट कराना इसलिए ज़रूरी है ताकि:

* बीमारी की सटीक पहचान हो सके।

* डॉक्टर सही इलाज शुरू कर सकें।

* जटिलताओं (जैसे कि ब्लैकवॉटर फीवर, एनीमिया, किडनी फेल्योर) से बचा जा सके।

* बीमारी के फैलने को रोका जा सके।


मलेरिया के प्रकार (Types of Malaria)

1. Plasmodium vivax (P. vivax)- सबसे आम प्रकार, कम गंभीर लेकिन बार-बार संक्रमण की संभावना।

2. Plasmodium falciparum (P. falciparum)- सबसे घातक प्रकार, जो मस्तिष्क मलेरिया जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।

3. Plasmodium malariae (P. malariae)- दुर्लभ लेकिन दीर्घकालिक संक्रमण का कारण बनता है।

4. Plasmodium ovale (P. ovale) - हल्के संक्रमण का कारण बनता है, परंतु दीर्घकालिक प्रतिवर्ती संक्रमण संभव।

5. Plasmodium knowlesi (P. knowlesi)- मनुष्यों में दुर्लभ परंतु गंभीर संक्रमण का कारण बनने वाला प्रकार, जो मुख्यतः मलेशियाई क्षेत्र में पाया जाता है।


 मलेरिया टेस्ट के प्रकार

मलेरिया की जांच के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं। भारत में सबसे आम और प्रभावी ये टेस्ट किए जाते हैं:

1. ब्लड स्मीयर टेस्ट (Blood Smear Test)

* यह सबसे पुराना और विश्वसनीय टेस्ट है।

* इसमें रक्त की स्लाइड तैयार करके माइक्रोस्कोप से देखा जाता है।

* परजीवी (Plasmodium) को सीधा देखा जा सकता है, जिससे डॉक्टर को परजीवी की पहचान में आसानी होती है।

* प्रक्रिया के दौरान दो तरह के स्लाइड बनाए जाते हैं: थिन स्मीयर और थिक स्मीयर।


 2. रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (RDTs)

* यह टेस्ट तुरंत परिणाम देता है।

* इसमें किट टेस्ट की तरह ब्लड ड्रॉप लेकर रिपोर्ट कुछ मिनटों में आ जाती है।

* यह टेस्ट विशेष रूप से ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में उपयोगी है, जहां लैब सुविधाएं उपलब्ध नहीं होतीं।


3. PCR टेस्ट (Polymerase Chain Reaction)

* इसमें मलेरिया परजीवी का DNA खोजा जाता है।

* यह महंगा और समय लेने वाला है लेकिन बहुत सटीक परिणाम देता है।

* विशेष परिस्थितियों में उपयोग किया जाता है, जैसे कि जब अन्य टेस्ट्स अस्पष्ट परिणाम देते हैं।


4. ELISA टेस्ट (Enzyme-Linked Immunosorbent Assay)

* इसमें परजीवी के खिलाफ बने एंटीबॉडी खोजे जाते हैं।

* यह टेस्ट विशेष रूप से उन मामलों में उपयोगी है जहां परजीवी का स्तर बहुत कम होता है।



मलेरिया टेस्ट की प्रक्रिया (Step-by-Step)

Requirements

1. Microscope glass slide

2. Finger blood or whole blood or EDTA blood sample

3. Microscope

4. Microscope immersion oil

4. Field stain (A & B)

5. Fixer

6. TIMER


अब जानते हैं कि मलेरिया परजीवी टेस्ट कैसे किया जाता है:

1. मरीज की तैयारी

* मरीज को कोई खास तैयारी नहीं करनी होती।

* सामान्य रूप से ब्लड सैंपल लिया जाता है।

2. ब्लड सैंपल लेना

* ब्लड आमतौर पर फिंगर प्रिक (उंगली की नोक से) या वेनस ब्लड सैंपल के जरिए लिया जाता है।

* सैंपल लेते समय पूरी सफाई का ध्यान रखा जाता है ताकि सैंपल में संक्रमण न हो।

3. सैंपल की तैयारी

* ब्लड को स्लाइड पर फैलाकर थिन और थिक स्मीयर बनाए जाते हैं।

* स्लाइड को विशेष डाई (जैसे Giemsa Stain) से रंगा जाता है, जिससे परजीवी आसानी से दिखाई देता है।

 Blood Smear कैसे बनाते है – Wedge Technique

मलेरिया परजीवी स्लाइड फील्ड स्टेनिंग प्रक्रिया (Malaria Parasites Slide Field Staining Procedure)


1. स्लाइड तैयार करना

 मरीज के खून का पतला फैलाव (thin blood smear) और मोटा फैलाव (thick blood smear) स्लाइड पर बनाएं। पतला फैलाव परजीवी की पहचान के लिए उपयोग किया जाता है, जबकि मोटा फैलाव परजीवी की अधिक सटीक गणना के लिए महत्वपूर्ण होता है।


2. स्लाइड को सुखाना

पतले फैलाव को प्राकृतिक हवा में सुखाएं ताकि परजीवी की संरचना सुरक्षित रहे। मोटे फैलाव को भी पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से सुखाएं ताकि स्टेनिंग के दौरान कोई समस्या न आए।


3. फिक्सेशन (केवल पतला फैलाव के लिए)

 पतली फैलाव स्लाइड को मेथेनॉल (methanol) से फिक्स करें। फिक्सेशन प्रक्रिया परजीवी कोशिकाओं की संरचना को बनाए रखने में मदद करती है, जिससे स्टेनिंग अधिक प्रभावी होती है। मोटा फैलाव फिक्स नहीं करते क्योंकि इससे परजीवी की सटीक गणना में बाधा आ सकती है।


4. स्टेनिंग

 स्लाइड पर फील्ड का रंग उपयोग करें (Field Stain A और Field Stain B):

* Field Stain A (आधिकारिक तौर पर मेथेनॉल आधारित नील रंग) को स्लाइड पर डालें और लगभग 1 मिनट तक स्टेन करें। यह रंग परजीवी और होस्ट सेल के बीच स्पष्ट अंतर दिखाने में मदद करता है।

 * Field Stain B (आधिकारिक तौर पर एज़्यूरिन रंग) को स्लाइड पर डालें और करीब 2 मिनट तक स्टेन करें, जिससे परजीवी की संरचना और भी स्पष्ट रूप से देखने को मिलती है।

Blood Smear Slide Staining कैसे करते हैं - Field Stain

5. धोना

स्लाइड को धीरे-धीरे पानी से धोएं जब तक पानी साफ न बहने लगे। यह स्टेनिंग प्रक्रिया के बाद अतिरिक्त रंग को हटाने में मदद करता है ताकि माइक्रोस्कोपी में स्पष्ट चित्रण हो सके।


6. सुखाना

स्लाइड को हवा में पूरी तरह सूखने दें ताकि माइक्रोस्कोपी के दौरान जलकण नहीं रहे, जिससे देखने में बाधा उत्पन्न हो।


7. माइक्रोस्कोपी

100x ऑइल इमर्शन लेंस के साथ माइक्रोस्कोप के तहत स्लाइड की विस्तार से जांच करें। इससे परजीवी के विभिन्न स्टेज को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।


P. vivax और P. falciparum में दिखने वाले स्टेज (Stages Visible in Microscopy)

1. P. vivax (प्लाज़्मोडियम विवैक्स)

* Ring Stage (रिंग स्टेज): सर्कुलर आकार का, केंद्र में नाभिक स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। यह प्रारंभिक संक्रमण का संकेत देता है।
* Trophozoite Stage (ट्रॉफोजोइट स्टेज): बड़ा आकार, अधिक साइटोप्लाज्मिक सामग्री के साथ, स्क्रेपल वाले (Schuffner's dots) लाल रंग के धब्बे स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। यह परजीवी की बढ़ती अवस्था को दर्शाता है।
* Schizont Stage (स्किजोंट स्टेज): एक कोशिका के अंदर कई मर्क़ोज़ॉइट्स (merozoites) होते हैं, जो अगली कोशिकाओं को संक्रमित करने के लिए तैयार होते हैं।
* Gametocyte Stage (गैमेटोसाइट स्टेज): अंडाकार आकार का, बड़े नाभिक और साइटोप्लाज्मिक सामग्री के साथ। यह परजीवी के यौन प्रजनन का चरण होता है।

2. P. falciparum (प्लाज़्मोडियम फाल्सीपेरम)

* Ring Stage (रिंग स्टेज): छोटे रिंग जैसे दिखते हैं, अक्सर एक से दो रिंग्स प्रति कोशिका, जो परजीवी के प्रारंभिक संक्रमण का संकेत हैं।
* Trophozoite Stage (ट्रॉफोजोइट स्टेज): सीमित संख्या में होते हैं, और अन्य प्रकारों की तुलना में कम स्पष्ट होते हैं।
* Schizont Stage (स्किजोंट स्टेज): आमतौर पर परिधीय रक्त में नहीं देखे जाते, मुख्य रूप से यकृत में होते हैं। ये कई मर्कोज़ॉइट्स का उत्पादन करते हैं जो अधिक संक्रमण फैलाते हैं।
* Gametocyte Stage (गैमेटोसाइट स्टेज): बड़े, अर्धचंद्राकार (banana-shaped) विशेषता। यह चरण संक्रमण चक्र के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि मच्छर इन्हें ग्रहण करके अन्य व्यक्तियों में संक्रमण फैला सकता है।


RESULT

रिपोर्ट में यह विस्तार से दर्ज होता है:

  * परजीवी मौजूद है या नहीं। (Positive  OR Negative)

1. Negative (नकारात्मक): परजीवी नहीं मिला, जिससे यह पुष्टि होती है कि मलेरिया नहीं है।

2. Positive (सकारात्मक): परजीवी मिला है, जिससे तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है

3. Species Identification: यह बताता है कि किस प्रकार का Plasmodium है (जैसे P. falciparum, P. vivax)। पाया गया है।

  


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